Posts

Showing posts from June, 2020

उल्लू

Image
✍️उल्लू✍️ एक पेड़ पर उल्लू बैठा पेड़ बड़ा घबराए सोचा बढ़े ना और समस्या जल्दी सूखा जाए कटा पेड़ खुशहाली छाई खूब मिला सम्मान सिंहासन दरबारी बनकर मन ही मन मुस्काए खुशी हुई काफूर मगर जब फिर से उल्लू आए  अच्छा खासा हरा भरा था व्यर्थ ही प्राण गंवाए #विनय_आजाद #yqdidi #उल्लू #yqhindi #writervinayazad    Read my thoughts on YourQuote app at https://www.yourquote.in/vinay-tyagi-bekbv/quotes/ek-pedd-pr-ulluu-baitthaa-pedd-bddaa-ghbraae-socaa-bddhe-naa-bgjaoi

सियासत (राजनीति)

Image
✍️सियासत (राजनीति)✍️ अकेला   जो  चला   मारा  गया  है चांद   सूरज   से   उतारा   गया   है मोड़  ली   जिसने   घुटने  की  हड्डी खास  उसको  ही  पुकारा   गया  है जिसकी  गर्दन  झुकी  प्यारा वही है उसे   जूतों   से   दुलारा    गया   है खड़ी  गर्दन   का  ये  अंजाम  हुआ उसका  सर  धड़  से  उतारा गया है वो  फिर  सीना   फुलाए  फिरते  हैं कोई  सीमा  पे  फिर  मारा  गया  है तुमको  गद्दी   मिली   सियासत   में उसकी  तो आंख का  तारा  गया है जिसने  सीने  को  खुलेआम  किया जख्म   पे   जख्म   दुबारा  गया  है जो बहादुर है इस दुनिया में “विनय” उसे   मूरख   भी   पुकारा   गया  है #विनय_आजाद #yqdidi #yqhindi #writervinayazad #सियासत     Read my thoughts on @YourQuoteApp #yourquote #quote #stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #inspirationalquotes #writeaway #thoughts #poetry #instawriters #writersofinstagram #writersofig #writersofindia #igwriters #igwritersclub

व्यक्ति पूजा (समाज)

Image
🌹जय श्री कृष्णा🌹 ✍️व्यक्ति पूजा (समाज)✍️ व्यक्ति पूजनीय नहीं होते बल्कि विचार पूजनीय होते हैं ✍️✍️ व्यक्ति पूजा समाज को विचार शून्यता की ओर ले जाती है ✍️✍️ व्यक्ति पूजा के आरंभ से ही कलयुग का उदय हुआ है ✍️✍️ व्यक्ति पूजा के अंत से ही कलयुग का अंत संभव है #विनय_आजाद #yqdidi #yqhindi #व्यक्तिपूजा #समाज #writervinayazad    Read my thoughts on YourQuote app at https://www.yourquote.in/vinay-tyagi-bekbv/quotes/vykti-puujaa-smaaj-vykti-puujniiy-nhiin-hote-blki-vicaar-ko-bgc6b5

गम (तरक्की)

Image
✍️गम (तरक्की)✍️ मुझको  दुनिया  की, इस  बात पर रोना आया मरा  भूखा,  तो  मखमल  का  बिछोना  आया ✍️✍️ रात कटती थी, दिन  के अंगार  लिए आंखों में बड़ी  मुश्किल  से,  उसे  चैन  से  सोना  आया ✍️✍️ चलो  मर  कर  ही  सही, तुमको  दया तो आई उसके  बच्चों की, तश्तरी में  तो  खाना  खाया ✍️✍️ कभी बैलों  से थे बाबस्ता,अब  खुद बैल हैं हम वक्त  बदला  तो, फिर यूं  बदला  जमाना आया ✍️✍️ गम  तरक्की है, तरक्की की  नाशानी है “विनय” गम की तासीर से,तुमको भी कुछ लिखना आया #विनय_आजाद #yqdidi #yqhindi #writervinayazad #गम #तरक्की    Read my thoughts on YourQuote app at https://www.yourquote.in/vinay-tyagi-bekbv/quotes/gm-trkkii-mujhko-duniyaa-kii-baat-pr-ronaa-aayaa-mraa-mkhml-bgcqgl

भरोसा (धोखा)

Image
✍️भरोसा (धोखा)✍️ सच  की ताकत  से बड़ा  होता है                           आदमी  गिर  कर  खड़ा  होता  है झूठ   के   पैर   कुछ   नहीं   होते                            बस  ज़रा  सा  मुंह  बड़ा  होता है खरीदोगे     जमीर    बिकता    है                            देखो  कितना  अमीर   बिकता  है चंद  सिक्कों   में  दुआ   बेचता  है                            झोली  वाला   फकीर   बिकता  है हमको   अंग्रेज    पर   भरोसा   है                            और   देसी    दवा   में   धोखा   है जड़ी -  बूटी   के   देश   में    यारो                            देखो    कैसे    गरीब    लुटता    है जो  भी  करता  है काम  की  बातें                            उस  पे  पड़ती  हैं  चार - छ: लातें जिसकी  जितनी  बिसात  छोटी है                            उतना    हर्जाना    बड़ा   होता   है यहीं पीपल कभी पुजते थे “विनय”                            जहां  कीकर  अब  खड़ा  होता  है #विनय_आजाद #writervinayazad #yqdidi #yqhindi #भरोसा #धोखा #देसी #विदेशी    Read my thoughts on YourQuote app at https://www.yourquote.in/vinay-tyagi

मदारी (मुकद्दर)

Image
✍️ मदारी (मुकद्दर) ✍️ जाने   कितने   रोज   बकरे   दुलारे   जाते  हैं जाने   कितने   रोज   छलते  हैं  मारे  जाते  हैं उस्तरे  को   उसे  तुम   खुद   ही  धार  देते  हो बाल   के   धोखे  में  फिर  सर  उतारे  जाते हैं इसके  उसके  जहां में जिसके  भी घर लुटते  हैं लोग   हर   हाल   में  अपने  ही  मारे  जाते  हैं ऐसे    देखे   हैं   झोली    वाले   मदारी   हमने ताज   ठोकर   में   राजा  भी  उतारे   जाते  हैं जिसको   कहते   हैं  नसीहत   वही  मुकद्दर  है जिसके   फन  में  हो   इशारे   सुधारे  जाते  हैं झेल  जाते  हैं  हम  दुश्मन  का  वार  सीने  पर और  महोब्बत  में  हम  यारो  से  मारे  जाते  हैं हम आसमान में दिल अपना टांक आए “विनय” लोग  अब  तक   उसे   सूरज   पुकारे  जाते  हैं #विनय_आजाद #yqdidi #yqhindi #मदारी #मुकद्दर 

उनसे मिलना

Image
✍️उनसे मिलना✍️ मुर्दा तन से वो कफन तक उतार लेते हैं सर जो झुक जाए तो वो सर उतार लेते हैं बहुत जालिम हैं इस कलयुग में जमाने वाले अपनी नस्लों की भी गर्दन उतार लेते हैं जब भी मिलता हूं उनसे उंगलियां गिन लेता हूं हाथ मिल जाए तो वो तन उतार लेते हैं चंद आंखें हैं जिनमें आज भी मैं बच्चा हूं बूढ़ी आंखों में वो बचपन उतार लेते हैं लाख गलती करूं फिर भी मेरे वो अपने हैं नर्म हाथों से वो अब भी दुलार लेते हैं उनसे मिलना “विनय” तो नजरें बचाकर मिलना अपनी आंखों में वो दिल तक उतार लेते हैं तुम महोब्बत में तिजारत पर उतर आए “विनय” दिल के बदले में कहां दिल उधार लेते हैं #विनय_आजाद #yqdidi #yqhindi #महोब्बत #तिजारत #उनसे_मिलना 

आबाद (मुरादाबाद)

Image
✍️ आबाद ✍️ अब तो, आजाद को! आजाद से जाना जाए!! कब तलक, शहर ये! बर्बाद से जाना जाए!! अब मेरे, शहर की हर! शाख हो आबाद “विनय”!! अब तो, मुरादाबाद को! आबाद से जाना जाए!! #विनय_आजाद #yqdidi #yqhindi #मुरादाबाद #आबाद #मेरा_शहर  x

खनक (मुगालते)

Image
✍️खनक✍️ वो यूं सुरमे में आंखें डालते हैं मेरी आंखो के या मुगालते हैं ✍️✍️ जैसे दीपक कहीं निहारता है  ऐसे पलकों को वो जमालते हैं  ✍️✍️ जैसे बादल कहीं मंडरा रहा हो ऐसे जुल्फों को यूं संभालते हैं ✍️✍️ उनकी पायल यूं मीठा घोलती है जैसे कोयल सुरीला बोलती है ✍️✍️ उनके होठों में वो खनक है “विनय” लफ्ज सिक्कों सा वो उछालते हैं #विनय_आजाद #yqdidi #yqhindi #खनक #मुगालते 

सुशांत सिंह राजपूत (भावभीनी श्रद्धांजलि)

Image
😥✍️ जिगर पत्ता सा हवाओं में यूं उड़ जाता है टूट कर भी कोई मोती सा बिखर जाता है #विनय_आजाद #yqhindi विश्वास ही नहीं होता कि अब आप हमारे बीच नहीं रहे। आपकी अभिनय क्षमता का हर कोई क़ायल है। आपने अपनी प्रतिभा व मेहनत के बल पर सिने जगत में जो मक़ाम बनाया वह लाखों संघर्षशील कलाकारों के लिए एक मिसाल है। किंतु आपकी क्षति ने यह भी बताया है कि डिप्रेशन वास्तव में एक भयानक बीमारी है। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य भी अतिआवश्यक है। ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दे। और शोकाकुल परिवार व प्रियजनों को दुःख सहने की शक्ति दे।  #भावभीनीश्रद्धांजलि #सुशांतसिंहराजपूत #yqdidi  #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi   

आदी

Image
✍️ आदी ✍️ हजारों साल, गुलामी से! हिंदुस्तान गुजरा है!! अपनी मर्जी से, सांस लेने के! आदी नहीं हैं हम!! हजारों जुल्म, सहकर भी! हम उफ तक नहीं करते! बगावत, कर नहीं सकते! फसादी नहीं हैं हम!! #विनय_आजाद #yqdidi #yqhindi #जुल्म #बगावत #फसादी #आदी #हिन्दुस्तान 

काम से जाना जाए

Image
✍️काम से जाना जाए✍️ क्या जरूरी है के पहचान से जाना जाए उगते सूरज को उसके नाम से जना जाए छुपे बैठे हैं कई नाग सफ लिबासों में इन‌ लिबासों को अब अंजाम से जाना जाए मान देना भी तो एक उम्र का तकाजा है ये तकाजा भी अब ईमान से जाना जाए कभी आओ हमारी आंख के दरवाजे तक आओ तुमको भी इत्मिनान से जाना जाए गधे घोड़े को रंग दो एक सा कर दो बेशक मगर फितरत को उसकी शान से जाना जाए ये जो तुफां है ये तुफां है हवा के दम पर हवा के नाम इस तुफान को जाना जाए ढोए जायेंगे कब तक विरासत के बोझ “विनय” नई पीढ़ी को अपने काम से जाना जाए कब तलक ढोओगे कमजर्फ के जूतों को “विनय” अब इन जूतों को उनकी आन से जाना जाए #विनय_आजाद #yqdidi #yqhindi #काम_से_जाना_जाए

लफ्ज (सियासी मसीहा)

Image
✍️लफ्ज✍️ मैं सियासी नहीं मगर कम भी नहीं दर्द गहरा सा हूं पर जख्म भी नही मैं वो उम्मीद हूं जिसमें मौसम खिले रोते-रोते मिले आंख नम भी नहीं आहटें सुन के जिनकी हंसे तितलियां ऐसे अब दास्तानें सनम भी नहीं कैसे कह दूं “विनय” मुझको फिर तु मिले किसको फिर मांगें ऐसे जनम भी नहीं सैकड़ों फूल हैं अब खिले जब खिले वो मोहब्बत सा लेकिन चमन भी नहीं दिन भी अच्छे हैं और रात भी शबनमी और किसी तौर चैन-ओ-अमन भी नहीं चांद तारों की बारात ले के चला वो गगन तो मगन वो मगन भी नहीं बंद करना चाहते थे जिस पन्नी को उसमें लिपटे हैं छूते बदन भी नहीं ए-मसीहा तेरी आंख के सामने मर रहे सैकड़ों तन कफन भी नहीं कैसे कह दूं “विनय” कैसे क्या लिख दिया लफ्ज एक घूंट का आचमन भी नहीं #विनय_आजाद #yqdidi #yqhindi #लफ्ज़ #सियासत #सियासी #मसीहा    Read my thoughts on YourQuote app at https://www.yourquote.in/vinay-tyagi-bekbv/quotes/lphj-main-siyaasii-nhiin-mgr-km-bhii-nhiin-drd-ghraa-saa-pr-bd2mhh

सियासी और सियासत

Image
✍️सियासी✍️ वो अपनी नाक को नीचा जरा होने नहीं देता भलाई बांटता है पर भला होने नहीं देता खिलौना तोड़कर बच्चे का वो ऐसे हंसाता है बड़ा जालिम है मारता है और रोने नहीं देता बचत खाते की गुल्लक में वो पैसे झांक लेता है गरीबों को गरीबों में खड़ा होने नहीं देता मंगाई ताश की गड्डी और जोकर उछाला है बता बेगम है या इक्का हुक्म उसका निराला है “विनय” जालिम कहूं उसको या उसको देवता समझूं ख्वाब जन्नत के बोता है मगर सोने नहीं देता #विनय_आजाद #yqdidi #yqhindi #सियासत #सियासी

राजा साहब और रामलाल की युक्ति

Image
✍️ कहानी ✍️ 🌹 शीर्षक 🌹 “राजा साहब और रामलाल की युक्ति” 🤫 बेटा कुछ भी बन जाना पर माली मत बनना 😜 एक राजा साहब थे, बड़े ही शौकीन मिजाज राजा साहब। राजा साहब के आलीशान महल में खुशबूदार फूलों का एक शानदार बगीचा था, राजा साहब गुलाब के फूलों का रसपान बड़े शौक से किया करते। बस इसी शौक के चलते राजा साहब ने चार-चार कुशल माली बगीचे की देखभाल के लिए रख छोड़े थे। राजा साहब ने बड़ी शान से अपना जीवन व्यतीत किया और एक दिन आपने बेटे को सिंहासन सौंप कर स्वर्ग सिधार गए। नए राजा को भी अपने पिता की भांति फूलों का रस पीने का शौक लग गया, परंतु अब बगीचे के माली बूढ़े हो चले थे कई सेवानिवृत्त हो गए थे। देखते-देखते बगीचे की देखभाल के लिए केवल एक माली रह गया, रामलाल, रामलाल बहुत ही कुशल और फूलों के अत्यंत जानकार थे, मीठे-मीठे फूलों का रस प्रतिदिन राजा को पिलाते और बगीचे की देखभाल करते, एक दिन जब राजा अति प्रसन्न थे रामलाल ने राजा साहब से निवेदन किया कि, राजा साहब अब मैं भी बूढ़ा हो चला हूं और आपके बगीचे के तीन माली पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं, मैं अकेला कब-तक बगीचे की देखरेख कर पाऊंगा कृपया आप बगीचे के लि

एक बार की बात

Image
✍️ कहानी ✍️ 🌹 शीर्षक 🌹 “एक बार की बात” एक बार की बात है। एक बड़े ही प्रसिद्ध प्रतिष्ठित विद्यालय के प्रधानाध्यापक महोदय विद्यालय के सफाई कर्मचारी को बहुत ही भद्दी और अपमानजनक भाषा में डांट रहे थे। क्योंकि उसने श्रीमान प्रधान अध्यापक की जी हुजूरी में कुछ कोताही बरती थी, मैं उन दिनों स्थाई अध्यापक नहीं हुआ करता था, अपने और अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए मैं भी उसी प्रतिष्ठित विद्यालय में अंशकालिक तौर पर अध्यापन कार्य करता था और अपनी और अपने बच्चों की जीविका उपार्जन के लिए कुछ ट्यूशन कर लिया करता था। इत्तेफाक से यह वाक़या मेरी आंखों के सामने गुजर रहा था कि, अचानक वहां उसी विद्यालय के एक वरिष्ठ अध्यापक आ पहुंचे प्रधान अध्यापक महोदय ने अध्यापक महोदय की ओर देखते हुए सफाई कर्मचारी को बहुत ही भद्दा संबोधन करते हुए अत्यंत गर्म लहजे में कहा कि यह सफाई कर्मचारी जिसको इस जरा से काम के लिए मोटी तनख्वाह मिलती है यह कार्य ₹500 प्रति माह में कोई भी कर सकता है, और अध्यापक महोदय से इसकी हामी भरवानी चाही। वाकपटुता एवं शिक्षण कार्य में निपुण आदरणीय अध्यापक महोदय ने इसके प्रतिउत्तर में जो लाजवा