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छल

 💫💫 उसे अपने ही घर मारा गया फिर उसका सिर खुद ही उतारा गया फिर 💫💫 खुले मैदान बसकी बात ना था उसे छलकर ही उजाड़ा गया फिर #writervinayazad

शाम, जिंदगी

 #writervinayazad  शाम होते ही सितारों से बात होती है जिंदगी देखिए यूं माहताब होती है 🍁🍁

रिश्ते नाते

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  ✍️ रिश्ते-नाते ✍️ कोई जरा छींके भी तो डर लगता है हर तरफ उसका ही असर लगता है ✍️✍️ अक्सर चुप हो जाता हूं मैं ये कह कर मुझको भी सच कहने से डर लगता है ✍️✍️ हर पहरे पर बच्चों सी नादानी है उनकी बातें हैं या खींचातानी है ✍️✍️ नई नवेली दुल्हन जैसे नाजुक हैं बात करो तो बातों से डर लगता है ✍️✍️ अब ये दुनिया रिश्तों से कंगाल विनय नजदीकी नातों से भी डर लगता है #विनय_आजाद #writervinayazad #रिश्तेनाते #असर #डरलगताहै 

सागर

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 😜 सागर 😜 अच्छे ख्याल को विनय दिल में ना आने दीजिए जो आ चुके अब तक कभी उनको बहाने दीजिए 😜😜 अच्छाइयों के पेड़ पर लगती यहां मजबूरियां तुम बेवजह मजबूरियों को ना ठीकाने दीजिए 😜😜 खोदोगे कुछ बोओगे कुछ पाओगे तुम कुछ और ही ना कह सको ना सुन सकोगे शोर है हर ओर ही 😜😜 मौसम सुहाने का पता काली घटा घनघोर ही आती है जो आहट विनय इस ओर आने दीजिए 😜😜 कब है टिका कब तक दिका हर वक्त जाता ही रहा जो वक्त के संग-संग चला वो मुस्कुराता ही रहा 😜😜 आया यहां जो भी गया हर शख्स जाता ही रहा यादों का दिल सागर विनय इसको लहराने दीजिए #विनय_आजाद #yqdidi #yqhindi #writervinayazad #सागर #यादें #बहाने #दिल   Read my thoughts on YourQuote app at https://www.yourquote.in/vinay-tyagi-bekbv/quotes/saagr-acche-khyaal-ko-viny-dil-men-naa-aane-diijie-jo-aa-ab-b2ovif

राज का सिंहासन और महामूर्ख (सिंहासन के शूल)

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✍️कहानी शिर्षक✍️ 🌹राजा की सिंहासन और महामूर्ख🌹 🌵 सिंहासन के शूल 🌵 “मूर्खता खुदकुशी का धंधा है” “मान जा खेल बहोत गंदा है” ✍️✍️ एक बार की बात है, एक राजा के दरबार में एक साधु वेशधारी मूर्ख प्रवेश कर गया। मूर्ख का एक चेला पहले ही दरबार की प्रजा में छुपकर सम्मिलित हो चुका था। ताकि परेशानी के वक्त वह अपने गुरु की मदद कर सके, जैसे ही साधु वेशधारी मूर्ख ने दरबार में प्रवेश किया उसका शिष्य महाराज की जय हो, महाराज की जय हो, का उदघोष करने लगा और बोला कि, आज दरबार में बहुत ही पहुंचे हुए महात्मा आए हुए हैं। कृपया राजन उन्हें उचित स्थान प्रदान करें। राजा ने मूर्ख को महात्मा जानकर ज्ञानी जनों में स्थान ग्रहण करने का इशारा किया। परंतु उस मूर्ख का महामूर्ख शिष्य बोला उठा कि, हे राजन इस दरबार में महाराज के बैठने योग्य केवल एक ही स्थान है और वह है राज सिंहासन। राजा साधु जनों का बड़ा आदर करते थे अतः अपने सिंहासन से उठ खड़े हुए और साधु वेशधारी मूर्ख को सिंहासन पर विराजमान होने का न्योता दे दिया। वह मूर्ख अति प्रसन्न हुआ परंतु वह तो कभी सिंहासन पर बैठा ही नहीं था, उसने कहीं सुन रखा था की राज सिंहासन मे

महोब्बत

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✍️महोब्बत✍️ हवा में जुल्फ चमेली सी झूम जाती है ओस की बूंद हथेली को चूम जाती है मुझको सावन में तरक्की दिखाई देती है परी मोटर पे यूं झुमके सी झूल जाती है यूं तो आंगन में कुछ उलझन दिखाई देती है फिर मदहोश सी म्यूजिक सुनाई देती है नन्हीं आवाज में तल्खी सुनाई देती है और नाराजगी सरसों सी फूल जाती है वक्त बदला है और कुछ नहीं बदला है “विनय” महोब्बत आज भी बाहों में झूल जाती है #विनय_आजाद #yqdidi #yqhindi #writervinayazad #महोब्बत     Read my thoughts on @YourQuoteApp    #yourquote #quote #stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #inspirationalquotes #writeaway #thoughts #poetry #instawriters #writersofinstagram #writersofig #writersofindia #igwriters #igwritersclub

उल्लू

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✍️उल्लू✍️ एक पेड़ पर उल्लू बैठा पेड़ बड़ा घबराए सोचा बढ़े ना और समस्या जल्दी सूखा जाए कटा पेड़ खुशहाली छाई खूब मिला सम्मान सिंहासन दरबारी बनकर मन ही मन मुस्काए खुशी हुई काफूर मगर जब फिर से उल्लू आए  अच्छा खासा हरा भरा था व्यर्थ ही प्राण गंवाए #विनय_आजाद #yqdidi #उल्लू #yqhindi #writervinayazad    Read my thoughts on YourQuote app at https://www.yourquote.in/vinay-tyagi-bekbv/quotes/ek-pedd-pr-ulluu-baitthaa-pedd-bddaa-ghbraae-socaa-bddhe-naa-bgjaoi