विनय आजाद शायरी

✍️ विनय_आजाद_शायरी ✍️

तुम तवे पर रखकर जज़्बात अपने भून दो

ये जहां पत्थर का है पत्थर ही पूजेगा “विनय”

💞💞

मुझको रिश्तों की दुहाई देते हो “विनय”

मैंने रिश्तों को तड़पते देखा है “विनय”

💞💞

कारवां सियासत का गुजर जाने दो “विनय”

जिसको जहां जाना है यार जाने दो “विनय”

💞💞

वो मुझसे रूंठ गया था वर्षों पहले “विनय”

वो मुझको आज भी हंसता हुआ अच्छा लगा

💞💞

मैं तो आदत से हूं मजबूर मौत ही मंजिल

“विनय” तु जिंदगी चाहे तो किनारा कर ले

💞💞

मेरे सर पर पुलिंदा तोहमतों का रख दो “विनय”

मुझ पे इल्ज़ाम है मैं सर को झुका कर नहीं चलता

#विनय_आजाद #शायरी #जिंदगी 

Comments

  1. Sir insan bahut badal gaya hai,siyasat ne insan ko badal dala hai.

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