विनय आजाद शायरी

💞💞विनय_आजाद🏌️शायरी💞💞
मैंने कागज के फूलों को महकते देखा
गुजर रहा था जब तेरे नजदीक से मैं
💖💖
लोग पत्थर के होते जा रहे हैं
रोज़ पत्थर में इंसा ढल रहा है
💖💖
ज़मीर बिकता है यहां झूठ के भाव
और तुम सच में खरीदने निकले
💖💖
मैं तो सबके लिए मुसीबत हूं
मेरी ईमां से दोस्ती ठहरी
💖💖
वहम-ए-तकलीफ हो गया है हूं मैं
मेरे होने से लोग डरते हैं
💞💞
मेरी मौजूदगी से घबराकर
मेरे मरने की दुआ करते हैं
#विनय_आजाद #शायरी 

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