विनय आजाद शायरी

💖विनय_आजाद_शायरी💖
मसला ये है के,
मैं एक मसला हूं हर मसले का🏌️
💞💞
मसला-ए-हल अगर तु है,
तो फिर मसला क्या है
💖💖
आदमी-आदमी से डरता है🏌️
बस इसी को विकास कहते हैं🏌️
💖💖
मैं अपने पीछे,
एक जमाना छोड़ आया हूं🏌️
💞💞
चंद सिक्कों में,
खुशियों का खजाना छोड़ आया हूं🏌️
💖💖
एक सूरज को धीरे से निकलना था🏌️
एक सूरज को मेरे साथ चलना था🏌️
#विनय_आजाद #शायरी
 

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