विनय (शायरी)

✍️✍️
कई पत्थर हैं ऐसे भी
राह में खुद भटकते हैं
पाहड़ों पर महकना भी
“विनय” सबको नहीं भाता
✍️✍️
कई हीरे हैं ऐसे भी
तरसने को तरसते हैं
सलामत खुद का सर रखना
“विनय” सबको नहीं आता
#विनय_आजाद #yqdidi #पत्थर #हीरा #सर 

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