प्यास

✍️प्यास✍️

जहर भर कर विकास बेचते हैं

वो नमक में मिठास बेचते हैं

✍️✍️

खोदकर जड़ महल खड़ा होगा

कितनी जहरीली आस बेचते हैं

✍️✍️

जिनके पेटो में गर्म शोले हैं

उनके होठों को प्यास बेचते हैं

✍️✍️

उनकी जुल्फों का राज क्या कहिए

चांद तारों को रात बेचते हैं

✍️✍️

उन निगाहों को नाज क्या कहिए

वो जुगनुओं को राज बेचते हैं

✍️✍️

उनकी पायल में वो नशा है “विनय”

वो घुंघरूओं में ख्वाब बेचते हैं

#विनय_आजाद

Comments

Popular posts from this blog

विनय (शायरी)

व्यक्ति पूजा (समाज)

आदी