विनय आजाद शायरी

✍️विनय_आजाद_शायरी✍️

सियासत तब भी जिंदा थी,

सियासत अब भी जिंदा है🏌️

😢😢

देश भक्तों को फांसी थी,

देश भक्तों को फांसी है🏌🏾‍

💞💞

जवानी में समझ आ जाए 🤔

तो बुढ़ापा शर्मसार ना हो 🤫

💞💞

मैं अपने आप में झांका,

तो शर्मशार हो गया🏌🏾‍♂️

😔😔

मैं खुद अपनी उम्मीदों का,

गुनहगार हो गया🏌🏾‍♂️

#विनय_आजाद #शायरी 

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